जितना अधिक श्रम का विभाजन और मशीनरी का उपयोग बढ़ता है , उतना ही श्रमिकों के बीच प्रतिस्पर्धा बढती है , और उतनी ही उनका वेतन कम होता जाता है। || The more the division of labor and the application… Read more ›
Karl Marx Quotes in Hindi | Karl Marx Thoughts in Hindi
लोगों के विचार उनकी भौतिक स्थिति के सबसे प्रत्यक्ष उद्भव हैं . || Men’s ideas are the most direct emanations of their material state. – Karl Marx
जबकि कंजूस मात्र एक पागल पूंजीपति है, पूंजीपति एक तर्कसंगत कंजूस है . || While the miser is merely a capitalist gone mad, the capitalist is a rational miser. – Karl Marx
लेखक इतिहास के किसी आन्दोलन को शायद बहुत अच्छी तरह से बता सकता है, लेकिन निश्चित रूप से वह इसे बना नहीं सकता . || The writer may very well serve a movement of history as its mouthpiece, but he… Read more ›
सभ्यता और आमतौर पे उद्योगों के विकास ने हमेशा से खुद को वनों के विनाश में इतना सक्रीय रखा है कि उसकी तुलना में हर एक चीज जो उनके संरक्षण और उत्पत्ति के लिए की गयी है वह नगण्य है… Read more ›
चिकित्सा संदेह तथा बीमारी को भी ठीक करती है . || Medicine heals doubts as well as diseases.- Karl Marx
मानसिक श्रम का उत्पाद – विज्ञान – हमेशा अपने मूल्य से कम आँका जाता है , क्योंकि इसे पुनः उत्पादित करने में लगने वाले श्रम-समय का इसके मूल उत्पादन में लगने वाले श्रम-समय से कोई सम्बन्ध नहीं होता . ||… Read more ›
शाशक वर्ग के विचार हर युग में सत्तारूढ़ विचार होते हैं, यानि जो वर्ग समाज की भौतिक वस्तुओं पर शाशन करता है , उसी समय में वह उसके बौद्धिक बल पर भी शाशन करता है। || The ideas of the… Read more ›
शायद ये कहा जा सकता है कि मशीनें विशिष्ट श्रम के विद्रोह को दबाने के लिए पूंजीपतियों द्वारा लगाए गए हथियार हैं . || Machines were, it may be said, the weapon employed by the capitalists to quell the revolt… Read more ›
एक भूत यूरोप को सता रहा है – साम्यवाद का भूत . || A specter is haunting Europe – the specter of communism. – Karl Marx
जीने और लिखने के लिए लेखक को पैसा कमाना चाहिए , लेकिन किसी भी सूरत में उसे पैसा कमाने के लिए जीना और लिखना नहीं चाहिए . || The writer must earn money in order to be able to live… Read more ›
क्रांतियाँ इतिहास के इंजिन हैं . || Revolutions are the locomotives of history. – Karl Marx
बिना उपयोग की वस्तु हुए किसी चीज की कीमत नहीं हो सकती . || Nothing can have value without being an object of utility. – Karl Marx
ज़मींदार , और सभी लोगों की तरह, वहां से काटना पसंद करते हैं जहाँ उन्होंने कभी बोया नहीं . || Landlords, like all other men, love to reap where they never sowed. – Karl Marx
कारण हमेशा से अस्तित्व में रहे हैं , लेकिन हमेशा उचित रूप में नहीं . || Reason has always existed, but not always in a reasonable form. – Karl Marx
पिछले सभी समाजों का इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास रहा है. || The history of all previous societies has been the history of class struggles. – Karl Marx
हमें ये नहीं कहना चाहिए कि एक आदमी के एक घंटे की कीमत दूसरे आदमी के एक घंटे के बराबर है , बल्कि ये कहें कि एक घंटे के दौरान एक आदमी उतना ही मूल्यवान है जितना कि एक घंटे… Read more ›
समाज व्यक्तियों से नहीं बना होता है बल्कि खुद को अंतर संबंधों के योग के रूप में दर्शाता है, वो सम्बन्ध जिनके बीच में व्यक्ति खड़ा होता है . || Society does not consist of individuals but expresses the sum… Read more ›
धर्म दीन प्राणियों का विलाप है , बेरहम दुनिया का ह्रदय है और निष्प्राण परिस्थितियों का प्राण है . यह लोगों का अफीम है . || Religion is the sigh of the oppressed creature, the heart of a heartless world,… Read more ›
पूँजी मजदूर की सेहत या उसके जीवन की लम्बाई के प्रति लापरवाह है ,जब तक की उसके ऊपर समाज का दबाव ना हो . || Capital is reckless of the health or length of life of the laborer, unless under… Read more ›
यह बिल्कुल असंभव है कि प्रकृति के नियमों से ऊपर उठा जाए . जो ऐतिहासिक परिस्थितियों में बदल सकता है वह महज वो रूप है जिसमे ये नियम खुद को क्रियान्वित करते हैं . || It is absolutely impossible to… Read more ›
बिना किसी शक के मशीनों ने समृद्ध आलसियों की संख्या बहुत अधिक बढ़ा दी है . || Without doubt, machinery has greatly increased the number of well-to-do idlers. – Karl Marx
लोगों की ख़ुशी के लिए पहली आवश्यकता धर्म का अंत है . || The first requisite for the happiness of the people is the abolition of religion. – Karl Marx
अनुभव सबसे खुशहाल लोगों की प्रशंशा करता है , वे जिन्होंने सबसे अधिक लोगों को खुश किया . || Experience praises the most happy the one who made the most people happy. – Karl Marx
अमीर गरीब के लिए कुछ भी कर सकते हैं लेकिन उनके ऊपर से हट नहीं सकते . || The rich will do anything for the poor but get off their backs. – Karl Marx
बहुत सारी उपयोगी चीजों के उत्पादन का परिणाम बहुत सारे बेकार लोग होते हैं . || The production of too many useful things results in too many useless people. – Karl Marx
पूंजीवादी समाज में पूँजी स्वतंत्र और व्यक्तिगत है , जबकि जीवित व्यक्ति आश्रित है और उसकी कोई वैयक्तिकता नहीं है . || In bourgeois society capital is independent and has individuality, while the living person is dependent and has no… Read more ›
इसलिए पूंजीवादी उत्पादन टेक्नोलोजी विकसित करता है , और तरह-तरह की प्रक्रियाओं को सम्पूर्ण समाज में मिला देता है; पर ऐसा वो सिर्फ संपत्ति के मूल स्रोतों – मिटटी और मजदूर को सोख कर कर करता है . || Capitalist… Read more ›
मानसिक पीड़ा का एकमात्र मारक शारीरिक पीड़ा है . || The only antidote to mental suffering is physical pain. – Karl Marx
ज़रुरत तब तक अंधी होती है जब तक उसे होश न आ जाये . आज़ादी ज़रुरत की चेतना होती है . || Necessity is blind until it becomes conscious. Freedom is the consciousness of necessity. – Karl Marx
शांति का अर्थ साम्यवाद के विरोध का नहीं होना है . || The meaning of peace is the absence of opposition to socialism. – Karl Marx
इतिहास कुछ भी नहीं करता . उसके पास आपार धन नहीं होता , वो लड़ियाँ नहीं लड़ता . वो तो मनुष्य हैं, वास्तविक , जीवित , जो ये सब करते हैं . || History does nothing; it does not possess… Read more ›
नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर-फेर करने की वस्तु है . || For the bureaucrat, the world is a mere object to be manipulated by him. – Karl Marx
साम्यवाद के सिद्धांत का एक वाक्य में अभिव्यक्त किया जा सकता है: सभी निजी संपत्ति को ख़त्म किया जाये . || The theory of Communism may be summed up in one sentence: Abolish all private property. – Karl Marx
सामाजिक प्रगति समाज में महिलाओं को मिले स्थान से मापी जा सकती है . || Social progress can be measured by the social position of the female sex. – Karl Marx
शाशक वर्ग को कम्युनिस्ट क्रांति के डर से कांपने दो . मजदूरों के पास अपनी जंजीरों के आलावा और कुछ भी खोने को नहीं है . उनके पास जीतने को एक दुनिया है . सभी देश के कामगारों एकजुट हो… Read more ›
धर्म मानव मस्तिष्क जो न समझ सके उससे निपटने की नपुंसकता है . || Religion is the impotence of the human mind to deal with occurrences it cannot understand. – Karl Marx
धर्म लोगों का अफीम है . || Religion is the opium of the masses. – Karl Marx
दुनिया के मजदूरों एकजुट हो जाओ ; तुम्हारे पास खोने को कुछ भी नहीं है ,सिवाय अपनी जंजीरों के. || Workers of the world unite; you have nothing to lose but your chains. – Karl Marx
पूँजी मृत श्रम है , जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है , और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है . || Capital is dead labor,… Read more ›
लोकतंत्र समाजवाद का रास्ता है . || Democracy is the road to socialism. – Karl Marx
कोई भी जो इतिहास की कुछ जानकारी रखता है वो ये जानता है कि महान सामाजिक बदलाव बिना महिलाओं के उत्थान के असंभव हैं . सामाजिक प्रगति महिलाओं की सामजिक स्थिति, जिसमे बुरी दिखने वाली महिलाएं भी शामिल हैं ;… Read more ›
इतिहास खुद को दोहराता है , पहले एक त्रासदी की तरह , दुसरे एक मज़ाक की तरह. || History repeats itself, first as tragedy, second as farce. – Karl Marx
हर किसी से उसकी क्षमता के अनुसार , हर किसी को उसकी ज़रुरत के अनुसार . || From each according to his abilities, to each according to his needs. – Karl Marx